लेखनी प्रतियोगिता -21-Oct-2022 मोह माया का है संसार
शीर्षक-मोह माया का है संसार
विषय- मोह
मोह माया का संसार
मोह की सुनाते तुम्हें गाथा
जो भी करता मोह,
विनाश की ओर होता उसका पथ।
राम को मिला 14 वर्ष का वनवास,
दशरथ को था मोहपास,
ना सह सके राम का बिरह,
कर दिया अपना शरीर त्याग।
कौशल्या थी उनकी मां ,
नहीं जताया अपना मोह,
भेज दिया राम को 14 वर्ष वनवास,
अपने मोह का किया त्याग।
धृतराष्ट्र का मोह बना विनाश काल,
दुर्योधन को ले गया कुमार्ग,
दुर्योधन को सिखाया सिर्फ बैर भाव,
हुआ जिससे कौरवों का विनाश।
गांधारी ने भी दिखाई अपनी मोह ,
प्रदान कर दी अपनी दिव्य शक्ति,
मोह माया ले आई विनाश की नगरी,
जिससे छाई कौरवों में काली बदरी।
ना करो तुम मोह माया,
दिखाता हमें विनाश का रास्ता,
कुछ समय का होता मोह,
अंत समय ना होता कोई।
मोह माया का करो त्याग,
भक्ति साधना के बनो साधक,
अंत समय भक्ति ही आती काम,
भगवान का मिलता हमें द्वार।
खाली हाथ आए खाली हाथ ही जाना,
भगवान ही होता हमारा रखवाला,
1 दिन इस दुनिया को है छोड़ जाना,
फिर मोह का क्यों करते दिखावा।
मोह का करो त्याग,
जीवन में कोई ना आता काम,
रिश्ते होते सिर्फ मायाजाल,
अंत समय सिर्फ होता मुख में राम।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
22-Oct-2022 07:59 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Sachin dev
22-Oct-2022 03:40 PM
Nice 👌
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Swati chourasia
22-Oct-2022 07:06 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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